केंद्र सरकार कर रही धर्म के नाम पर राजनीति रमजान में मस्जिद है बंद परंतु रथ यात्रा के लिए दे दी गई मंजूरी
मोदी सरकार के फैसले के बाद देश में एक और विवाद उड़ता हुआ दिखाई दे रहा है आपको बता दें कि लोक डाउन के बीच जब मुसलमानों का सबसे पवित्र महीना रमजान शुरू हुआ तो कई मस्जिदों के प्रबंधकों ने सरकार से तरावीह की नमाज के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान में रखते हुए इजाजत मांगी थी परंतु सरकार ने लोगों की जान खतरे में होने का हवाला देकर इस मांग को खारिज कर दिया था| रमजान शुरू होने के साथ ही मस्जिदों के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई वह जो लोग घरों में नमाज पढ़ रहे थे उन पर भी लाठियां बरसाई गई ।
वहीं दूसरी ओर भगवान जगन्नाथ की ओडिशा के पुरी से रथयात्रा निकालने के लिए केंद्र सरकार ने रथ निर्माण की अनुमति दे दी है ।
सरकार की अनुमति मिलने के साथ ही पुरी में रथ का निर्माण भी शुरू हो गया है । शुक्रवार सुबह कारीगरों ने तीनों रथों के निर्माण की विधि शुरू कर दी है । इसके बाद रथयात्रा को लेकर चल रहे संशय पर कुछ हद तक विराम लगा है । हालांकि , रथयात्रा अगर निकलती है तो उसका स्वरूप कैसा होगा , इसे लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है । केंद्र सरकार ने अपनी अनुमति में ये साफ किया है कि रथ निर्माण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरा पालन जरूरी है । रथ का निर्माण भी ऐसी जगह होना चाहिए जहां पर आम लोग इकट्ठा ना हों । अभी तक रथ का निर्माण मंदिर के सामने ही होता आया है , जो रथयात्रा का मुख्य मार्ग है ।
यहां लोगों के जमा होने की संभावना है , इसलिए रथ का निर्माण कहीं ओर हो , जहां भीड़ एकत्र ना हो सके । रथयात्रा 23 जून को शुरू होनी है । मदिर 20 मार्च से बंद रथयात्रा को लेकर इस बार काफी समय से संशय की स्थिति चल रही है । कोरोना वायरस के चलते मंदिर 20 मार्च से ही श्रद्धालुओं के लिए बंद है । रथयात्रा जगन्नाथ मंदिर का सबसे बड़ा उत्सव है । इसमें देश - दुनिया से 10 लाख से भी लोग शामिल होते हैं ।
सरकार के इस दोहरे फैसलो का कई मुस्लिम संगठनों ने खुलकर विरोध शुरू कर दिया है ।
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