आत्मनिर्भर भारत को दरकिनार करते हुए चीन की कम्पनी को मिला 1126 करोड़ का प्रोजेक्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा देश को लोकल को वोकल बनाने का सुझाव दिया था जिसके बाद चीन व भारत के बिच चल रहे तनाव को लेकर आम जनता ने भी लोकल चीजों के उपयोग पर ध्यान देना शुरू करते हुए चीनी व विदेशी सामानो का बहिष्कार करना शुरू कर दिया था परन्तु अब खुद सरकारी विभाग ही लोकेल को वोकल करने की बात से कही दूर नज़र आ रहे है.
दिल्ली मेरठ रेपिड ट्रांजिट कॉरिडोर के लिए पिछले साल नवम्बर में ठेके निकाले गए थे जिसमे देश की पांच बड़ी कम्पनि व कई विदेशी कम्पनियो ने आवेदन दिए थे जिसमे चीन के शंघाई स्थित एक कम्पनी STEC ने सबसे कम बोली लगाकर यह ठेका अपने नाम किया चीनी कम्पनी के द्वारा लगाई गई बोली की कीमत 1126 करोड़ बताई जा रही है.
STEC को नई अशोक नगर से लेकर साहिबाबाद यूपी तक तक ट्विन टनल का निर्माण करना है जिसके बाद उसे गाजियाबाद में एक अंडरग्राउंड स्टेशन का निर्माण भी करना है इसके लिए STEC को 1095 दिन की अवधि दि गयी है ऐसे में सवाल उठना लाजमी है की जब सरकारी ही लोकल को वोकल करने की तरफ ध्यान नहीं दे रही है तो कैसे आम जनता से इसकी उम्मीद की जा सकती है.
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