28 जून को ऑनलाइन मनाया जाएगा अजहरी मिया का उर्स,पोस्टर जारी किया गया
बरेली, हिन्दुस्तान में उत्तर प्रदेश के बरेली को इस्लाम का गढ़ कहा जाता हे जिसकी वजह वहा मौजूद दरगाह ऐ आला हजरत हे, दरगाह ऐ आला पर हर साल उर्स मनाया जाता हे परन्तु इस साल कोरोना महामारी की वजह से उर्स में आने वाले जायरीनों में संक्रमण फैलने का खतरा हे जिसकी वजह से दरगाह कमेटी ने बड़ा फैसला लिया हे व सिर्फ चंद लोगो की मौजूदगी में ही उर्स की रस्मे अदा की जाएगी व जायरीनों के बरेली आने पर पाबंदी रहेगी ।
आला हजरत के नाम से दुनिया भर में मशहूर इस्लामिक संत व स्कॉलर अहमद रजा खान के पड़पोते अजहरी मिया जिनको पूरी दुनिया में ताजू शरिया ( शरीयत का ताज पहनने वाला ) के नाम से ही जाना जाता हे उनका वर्ष 2018 में इन्तेकाल हो गया था जिसके बाद वर्ष 2019 में उनका उर्स मनाया गया था जिसमे दुनिया भर से लाखो की संख्या में अकीदतमंद पहुंचे थे । जमात ए मुस्तफा के उपाध्यक्ष सलमान हसन खान ने बरेली में आज आगामी उर्स ए अजहरी के पोस्टर का विमोचन किया व बताया की इस साल कोरोना महामारी को देखते हुए 28 जून को सज्जादानशीन मुफ़्ती असजद मिया की सरपरस्ती में व चंद उलमा की मौजूदगी में उर्स की रस्मे अदा की जाएगी व सभी कार्यक्रम ऑनलाइन किये जाएंगे। जिससे अकीदतमंदो के साथ मिलकर पुरे देश में खुशहाली व कोरोना महामारी के खात्मे की भी दुआ की जाएगी।
आला हजरत के नाम से दुनिया भर में मशहूर इस्लामिक संत व स्कॉलर अहमद रजा खान के पड़पोते अजहरी मिया जिनको पूरी दुनिया में ताजू शरिया ( शरीयत का ताज पहनने वाला ) के नाम से ही जाना जाता हे उनका वर्ष 2018 में इन्तेकाल हो गया था जिसके बाद वर्ष 2019 में उनका उर्स मनाया गया था जिसमे दुनिया भर से लाखो की संख्या में अकीदतमंद पहुंचे थे । जमात ए मुस्तफा के उपाध्यक्ष सलमान हसन खान ने बरेली में आज आगामी उर्स ए अजहरी के पोस्टर का विमोचन किया व बताया की इस साल कोरोना महामारी को देखते हुए 28 जून को सज्जादानशीन मुफ़्ती असजद मिया की सरपरस्ती में व चंद उलमा की मौजूदगी में उर्स की रस्मे अदा की जाएगी व सभी कार्यक्रम ऑनलाइन किये जाएंगे। जिससे अकीदतमंदो के साथ मिलकर पुरे देश में खुशहाली व कोरोना महामारी के खात्मे की भी दुआ की जाएगी।
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