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चित्तोड़गढ में निकली बन्दर की शव यात्रा, पुरे गाँव वालो ने दान किये अपने बाल

चित्तोड़गढ, भारत को 33 करोड़ देवी देवताओ की भूमि माना जाता रहा है जिस कारण से पुरे देश में लगभग सभी जानवरो को सम्मान देने के साथ उनकी पूजा की जाती है क्युकी जानवरो को पुराणों में या तो किसी भगवान का वाहन या खुद किसी देवता का रूप माना जाता रहा है. चित्तोड़गढ के सोनियाणा गांव में ऐसी शवयात्रा निकाली गई जिसे हर देखने वाला अचरज में पड गया यहाँ तक की दूसरे शहरो में भी इस शव यात्रा की चर्चा की जा रही. 

सोनियाणा गांव निवासी लोकेश से जब हमारे रिपोर्टर  ने बात की तो उन्होंने बताया की  गांव के चौराहे पर अचानक एक वानरराज ( बंदर ) करंट लगने के कारण घायल हो गया था जिसको देख सभी गाँव वालो ने अस्पताल ले जाने का फैसला लिया क्यूंकि वानर ( बन्दर ) को भगवान हनुमान का रूप माना जाता है जिस वजह से सभी गाँव वालो ने मिलकर वानर ( बंदर ) को अस्पताल पहुंचाया जहा उपचार के दौरान उसकी मर्त्यु हो गई.

जब वानर के मर्त्यु की खबर गाँव में फैली तब ग्रामीणों ने फैसला लिया की हनुमान रूपी बन्दर का पुरे रीती रिवाजो से अंतिम संस्कार किया जाएगा जिसके चलते सभी ग्रामीणों ने मिलकर बन्दर की शव यात्रा निकाल कर अंतिम संस्कार किया. अंतिम संस्कार के बाद सभी गाँव वालो ने अपने सर के बाल को मुंडवा कर दान किये तथा अब बन्दर की अस्थियो को गाँव की ही एक नदी में बहाया जाएगा.          

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