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चालीस से ज्यादा आईआईटी का निजीकरण करेगी योगी सरकार, गरीब छात्रों पर बढ़ जाएगा फीस का बोज

उत्तरप्रदेश, देश में सरकारी संस्थाओ को निजी कम्पनी को देने की सूचि में देश की सर्वोच्च सरकारी संस्था में से एक आईआईटी को भी शामिल किया गया है जिसके चलते उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब 40 से ज्यादा आईआईटी  को दो चरणों में निजीकरण करने की तैयारी में जुट गई है जिसका सीधा असर छात्रों की जेब पर भी पड़ने वाला है वही कई छात्र संगठन इसके विरोध में उतर गए है उनका कहना है की निजीकरण करने से गरीब छात्र पढ़ाई से वंचित रह सकते है  जबकि पढ़ाई पर सभी का हक़ है.

वही आईआईटी से जुड़े अधिकारियों का कहना है की आईआईटी का निजीकरण छात्रों के लिए हित कारी साबित होगा क्युकी निजीकरण करने के बाद नयी तकनीक के साथ छात्रों को पढ़ाया जाएगा जिससे की उन्हें सिखने के लिए काफी कुछ नया मिलेगा. आईआईटी का निजीकरण करने से छात्रों पर फीस का बोज बढ़ जाएगा अभी छात्रों को 480 रूपए सालाना फीस भरनी पड़ती है जबकि निजीकरण होने के बाद  यह कई गुना बढ़ कर 26000 रूपए सालाना हो सकती है. 

आईआईटी का निजीकरण 2 चरणों में किया जाएगा प्रथम चरण में 16 आईआईटी का निजीकरण किया जाएगा जिनमे ताखा ( इटावा ) , पिलानी ( बाँदा ) जैसे बड़े आई आई टी शामिल है. 

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