पूरी यात्रा व जेन मंदिर अनुमति के तर्क ख़ारिज, मुहर्रम निकालने से अराजकता फैलेगी : सुप्रीम कोर्ट
मुंबई, शिया समुदाय की और से सुप्रीम कोर्ट सरकार के मुहर्रम नहीं निकालने के फैसले पर याचिका दायर की गई थी जिसमे कहा गया था की जिस प्रकार पुरे देश में जग्गनाथ रथ यात्रा व जैन समाज को मंदिर खोलने की इजाजत दि गई है उसी प्रकार से मुहर्रम महिने में निकाली जाने वाली यात्रा का मुस्लिम समुदाय में बड़ा महत्व है जिस कारण से ताजियों को केवल पांच जनो के साथ निकालने की अनुमति दि जाए.
इस पर सुप्रीम कोर्ट का कहना है की मुस्लिम समुदाय को अगर इसकी इजाजत दि गयी तो हो सकता है उन्हें देश में कोरोना वायरस फैलने के लिए फिर से निशाना बनाया जाए जिससे देश में अराजकता फेल सकती है इसी वजह से हम इस याचिका को ख़ारिज कर रहे है फैसला सुनाते वक़्त ऐसए बोबडे, जस्टिस ए इस बोपन्ना , वि रमा सुब्रमण्यम मौजूद थे जिनकी सर्व सम्मति से ही याचिका ख़ारिज की गई है.
मुस्लिम समुदाय की और से वारसी हैदर का कहना है की कोर्ट हमारे द्वारा दि गई दलीलों के अलग मतलब निकाल रहा था जबकि सबको पता है की मुहर्रम का जुलुस पुरे देश में निकलने का क्या मतलब होता है परन्तु फिर भी हम पूरी कोशिश करेंगे व इलहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.
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