जानिये महाराजा भूपेंद्र सिंह के बारे में जिनके दरबार में केवल निर्वस्त्र जाने पर ही मिलती थी इजाजत
अमृतसर, भारत को राजा महाराजा की भूमि कहा जाता हे जिसकी वजह हे भारत में कई महान राजाओ का जन्म लेना कई राजा ऐसे होते थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन अपनी प्रजा की सुख के लिए लगा दिया बहुत से राजाओ ने तो अपनी प्रजा के लिए जान तक कुर्बान कर दि जिस वजह से उनके राज्यों में आज भी उनकी पूजा की जाती हे. जबकि कुछ राजा महाराजा ऐसे भी हुए हे जिन्होंने अपनी अय्याशी की वजह से पुरे राज पाठ को खत्म कर दिया ऐसे ही पंजाब की पटियाला रियासत के बारे में आज हम आपको कुछ रोचक बताने वाले हे हिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे.
पटियाला रियासत के महाराजा भूपेंद्र सिंह का जन्म 12 अक्टुम्बर 1891 को हुआ था महाराजा भूपेंद्र सिंह ने गद्दी पर बैठने के बाद 38 वर्षो तक राज किया था. महाराज भूपेंद्र सिंह के दीवान जरमनी दास ने भूपेंद्र सिंह के कारनामो पर एक किताब लिखी थी जिसका नाम "महाराजा" नामक किताब लिखी थी जिसके आधार पर महाराज भूपेंद्र सिंह को भारत के सबसे अय्याश राजा के रूप में जाना जाता हे.
दीवान के मुताबिक़ महाराजा भूपेंद्र सिंह ने पटियाला "लीला भवन" जीसे रंग रलियो का महल भी कहा जाता हे जहा जाने के लिए लोगो को निर्वस्त्र होना पड़ना था नहीं तो महल में जाने की अनुमति नहीं दि जाती थी. इसके अलावा भी महल में एक ख़ास कक्ष का निर्माण करवाया गया था जहा की दीवारों पर कामुकता को बढ़ाने वाले चित्र बनवाए गए थे इस कक्ष में महाराज के भोग विलास के लिए ख़ास इंतज़ाम किये गए थे.
महाराज के महल के बाहर एक स्विमिंग पूल का निर्माण भी करवाया गया था यह पूल इतना बड़ा था की इसमें एक साथ 150 महिलाए और पुरुष नहा सकते थे जहा कई भव्य पार्टियों का आयोजन करवाया गया था जिनमे अक्सर महराज कई महिलाओ के साथ अय्याशी किया करते थे.
महाराजा भूपेंद्र सिंह ने दस से ज्यादा शादिया की थी जिनसे उनके कुल 88 बच्चे थे इनके अलावा भी महाराजा की 325 और प्रेमिकाए थी. आज जिस पटियाला पेग का नाम आप गानो व शराबियो के मुँह से सुनते हे उस पटियाला पेग की शुरुआत का श्रेय भी महाराजा भूपेंद्र सिंह को दिया जाता हे.
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