कोरोना वाइरस से मरने वालो का पैतृक जगह पर परिजन कर सकेंगे अंतिम संस्कार, इन शर्तो का करना होगा पालन
जयपुर, आम जनता के लिए भावी फैसले लेने के लिए मशहूर व सबसे पसंदीदा मुख्यमंत्रियों में से एक राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कोरोना से जुड़ा एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया हे जिसके तहत अब कोरोना वाइरस से संक्रमित व्यक्ति की मोत के बाद उसके शव को बंद प्लास्टिक में उसके परिजनों को सौंपा जाएगा ताकि उसके परिजन मर्तक का सम्मान के साथ उसके पैतृक शमशान या कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार कर सके।
इस फैसले के आदेश सभी जिलों के कलेक्टर व अस्पताल को दे दिए गए हे ताकि जल्द से जल्द इस फैसले की पालना हो सके। वैज्ञानिको के द्वारा की गई रिसर्च में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए हे जिसके बाद राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के द्वारा यह फैसला लिया गया हे ताकि आम जन अपनों का अंतिम संस्कार पुरे रीती रिवाजो से कर सके।
यह रहेंगी शर्ते
बंद ( पैक बॉडी से कोरोना वाइरस नहीं फैलता।
मृतक के शव को सीधा उसके पैतृक शमशान या कब्रिस्तान ले जाय जाएगा ताकि उसका अंतिम संस्कार किया जा सके ।
परिजन बॉडी को अस्पताल से सीधे तोर पर अपने साथ नहीं ले जा सकेंगे।
बॉडीपैकिंग को खोलने व स्नान कराने पर पूर्णतया पाबंदी रहेगी।
अंतिम दर्शन के लिए सामजिक दुरी का पालन करना होगा।
लिपटने हाथ चूमने या बॉडी को चुने की इजाजत नहीं रहेगी।
पवित्र जल व अन्य रीती रिव्वाज किये जाए सकेंगे।
अधिकतम २० परिवार जाने अंतिम संस्कार में आ सकेंगे।
इस फैसले के आदेश सभी जिलों के कलेक्टर व अस्पताल को दे दिए गए हे ताकि जल्द से जल्द इस फैसले की पालना हो सके। वैज्ञानिको के द्वारा की गई रिसर्च में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए हे जिसके बाद राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के द्वारा यह फैसला लिया गया हे ताकि आम जन अपनों का अंतिम संस्कार पुरे रीती रिवाजो से कर सके।
यह रहेंगी शर्ते
बंद ( पैक बॉडी से कोरोना वाइरस नहीं फैलता।
मृतक के शव को सीधा उसके पैतृक शमशान या कब्रिस्तान ले जाय जाएगा ताकि उसका अंतिम संस्कार किया जा सके ।
परिजन बॉडी को अस्पताल से सीधे तोर पर अपने साथ नहीं ले जा सकेंगे।
बॉडीपैकिंग को खोलने व स्नान कराने पर पूर्णतया पाबंदी रहेगी।
अंतिम दर्शन के लिए सामजिक दुरी का पालन करना होगा।
लिपटने हाथ चूमने या बॉडी को चुने की इजाजत नहीं रहेगी।
पवित्र जल व अन्य रीती रिव्वाज किये जाए सकेंगे।
अधिकतम २० परिवार जाने अंतिम संस्कार में आ सकेंगे।
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