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जानिये Parle-G की सफलता की कहानी, कैसे बना भारत का नंबर एक ब्रांड

मुंबई, पार्ले जी भारत में वह नाम हे जिसे हर कोई जानता हे, व यह इतना लॉकप्रीय हे बिस्किट के साथ शब्द बन चूका हे की एक सर्वे के अनुसार भारत में "पार्ले जी" शब्द को एक दिन में करीब दस लाख से ज्यादा बार बोला जाता हे. कहते हे वक़्त के साथ साथ सोने की चमक भी फीकी पड़ने लग जाती हे परन्तु पार्ले जी वह नाम व ब्रांड हे जिसकी प्रसिद्धि पहले के मुकाबले और बढ़ गई हे.

कैसे मिली इतनी प्रसिद्धि 

आपको बतादे की पार्ले जी कम्पनी के मालिक मोहनलाल दयाल ने वर्ष 1929 में महाराष्ट्र के  मुंबई में पार्ले नाम से एक कम्पनी की शुरुआत की थी जिसमे शुरूआती दौर में केवल कन्फेक्शनरी सामग्री का निर्माण होता था  पार्ले कंपनी को पहली सफलता तब मिली जब उनके द्वारा बनाई जाने वाली नारंगी गोलिया ( चॉकलेट ) को काफी प्रसिद्धि मिली उसके बाद एक एक करके कई तरह की अलग अलग प्रकार की गोलिया पार्ले में बनने लगी. 
   

आपको बतादे की पार्ले जी बिस्कुट बनने से पहले भारत में बिस्कुट विदेशो से आयात किये जाते थे जिस कारण उनकी कीमत बहुत ज्यादा होती थी एक समय ऐसा भी यह जब बिस्कुट केवल ब्रिटिश व राजा महाराजा के खाने की सामग्री थी. गरीबो तक बिस्कुट पहुंचने के लिए मोहनलाल दयाल ने 1939 में बिस्कुट बनाने की शुरुआत की  व सस्ता होने के कारण देखते ही देखते यह पुरे भारत में मशहूर हो गया व बेहद कम लोग जानते हे की द्वितीय विश्व युद्ध में पार्ले बिस्किट का अहम योगदान रहा था.      

1960 में बढ़ती प्रसिद्धि को देखते हुए मोहनलाल दयाल ने फैसला लिया की पार्ले को पिली पैकिंग में बहुचर्चित छोटी बच्ची वाले पैक में बंद करके बेचा जाएगा 1980 आने तक पार्ले जी बिस्कुट ग्लूकोस बिस्कुट के नाम से प्रसिद्ध हुआ जिसका फायदा उठाने के लिए कई अन्य कम्पनी ने भी ग्लुको के नाम से बिस्कुट बनाने की शुरआत कर दि  पर उस दौर में बदकिस्मती के कारण पार्ले ग्लुको नाम को पेटेंट नहीं करा पाई जिस कारण पार्ले का नाम बदल कर पार्ले जी रख दिया गया था.

पार्ले का नाम बदल कर पार्ले जी रखने का फैसला कम्पनी के लिए हितकारी साबित हुआ व कम्पनी को देखते ही देखते करोडो रूपए का फायदा होना शुरू हो गया वर्तमान दौर में पार्ले जी भारत का सबसे बड़ा ब्रांड हे जिसकी बाज़ार में हिस्सेदारी करीब 60% से ज्यादा हे. वर्तमान दौर में पार्ले जी की और से बढ़ती स्पर्धा को देखते हुए कई प्रकार के बिस्कुट बनाने शुरुआत की गई हे जो की कम्पनी के लिए फायदेमंद साबित हो रही हे.        

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