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नवाब वाजिद अली शाह को अंग्रेजो ने क्यों दि थी सर की उपाधी, जान कर हैरान रह जाएंगे

हैदराबाद, वैसे तो दुनिया भर में हैदराबाद की तहजीब और वहां के कई नवाबो के किस्से मशहूर हे परन्तु नवाब वाजिद अली शाह को अंग्रेजी हुकूमत कभी नहीं भूल सकती. बिर्टिश सरकार के एक अधिकारी जॉर्ज विलयम्स ने कहा था की 190 साल से ज्यादा की हुकूमत उन्होंने भारत देश पर की हे इस समय में उन्होंने व अंग्रेजी हुकूमत में कई राजा महाराजा देखे परन्तु नवाब वाजिद अली शाह जैसे राजा न उन्होंने कभी देखा था न कभी देख पाएंगे अंग्रेज शासक नवाब की राजशाही देख कर चकाचोंध हो गए थे.

आपको बता दे की नवाब वाजिद अली शाह को "रंगीले पिया जान ए आलम " के नाम से भी जाना जाता हे  क्युकी उनकी तीन सो से ज्यादा बीविया था वाजिद अली शाह को लेकर एक किस्सा बेहद मशहूर हे की जब अंग्रेजो ने उनके राज्य में बढ़ती   अव्यवस्था को लेकर हमला किया और जब उनके महल पहुंचे तब महल के सारे लोग भाग चुके थे सिवाए नवाब को छोड़ कर. तब अंग्रेजी सेनापति ने नवाब से पूछा की सब भाग पर तुम यही हो क्या तुम्हे दर नहीं लगता तब नवाब का जवाब सुनकर सब हैरान रह गए नवाब ने अपने जूतों की तरफ इशारा करते हुए कहा की भागना तो में भी चाहता था परन्तु मुझे कोई जुते पहनाने वाला नहीं था.

जवाब सुनकर अंग्रेज अधिकारी हैरान रह गए व नवाब वाजिद अली शाह को सर की उपाधि दि और हर महीने उन्हें 15 लाख रूपए देने की घोषणा की व पूरी शान ओ शौकत के साथ फोर्ट विलियम नामक महल में नज़र बंद कर दिया था.

यह किस्सा भी मशहूर हे 

रंगीले पिया जान इ आलम के वैसे तो कई किस्से मशहूर हे परन्तु सबसे ज्यादा चर्चित किस्सा यह था की उनकी 300 बीविया थी व उनके अलावा कई दासिया थी जो की नवाब के रंगीन मिज़ाज़ के कारण परेशांन रहती थी. नवाब के महल में सीढिया चढ़ने के लिए रेलिंग नहीं बनाई गई थी बल्कि उनकी दासिया सीढ़ियों पर नग्न खड़ी रहती थी जिनके वक्ष स्थल के सहारे नवाब सीढिया चढ़ते थे. अय्याशी में मशगूल रहने के कारण ही उन्हें अपनी संतलत गावनि पड़ी थी.               



      

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