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जानिए कौन हे Arati saha जिन्हे google दे रहा हे श्रद्धांजलि, पद्म श्री पाने वाली पहली भारतीय महिला

नयी दिल्ली,  गूगल की तरफ से गुरूवार को एक नया डूडल जारी किया गया था जिसमे एक महिला तैराक की तस्वीर छपी हुई नज़र आए रही हे जिसे देख कर कई लोग आश्चर्य में पड गए की आखिर ये महिला तैराक कौन हे जिसे गूगल की तरफ से सम्मान दिया जा रहा हे और इस महिला का भारत से  क्या रिश्ता हे तो आइये बताते हे आपको की आखिर कौन हे आरती साहा।


आरती साहा का जन्म 24 सितम्बर 1940 को पश्चिमी बंगाल में हुआ था इनका पूरा नाम आरती साहा गुप्ता रखा गया था इन्हे तैराकी का इतना जूनून सवार हो गया था की महज चार वर्ष की उम्र में ही इन्होने हुगली नदी के किनारे तैरना सीखना शुरू कर दिया था इनके जूनून को देखते हुए उस समय के मशहूर तैराक सचिन नाग ने इनको तेराखि सिखाने का वादा किया जिसकी बदौलत आरती साहा को महज पांच साल की उम्र में ही पहला स्वर्ण पदक मिल चूका था जो उनके लिए गर्व की बात थी।

बारह साल की उम्र आते आते आरती ने कई पदक अपने नाम किये व 1952 में हुए ओलम्पिक भारत की और से पहली टीम की कप्तान बानी मात्र अट्ठारह वर्ष की आयु में इंग्लिश चैनल पार करने की कोशिश की परन्तु खराब मौसम व समुन्द्र में उठती विशाल लहरों के कारण स्थानीय प्रशासन ने उनको समुद्र से बाहर आने को मजबूर किया जिससे निराश होकर उन्होंने अगले साल फिर कोशिश की और रिकॉर्ड समय में इंग्लिश चैनल को पार कर एशिया की पहली महिला बनी ।

आरती साहा गुप्ता को उनके सम्मानीय कार्य के लिए व देश का मान दुनिया भर में बढ़ाने के लिए वर्ष 1960 में पदम् श्री सम्मान से नवाज़ा गया पद्म श्री पाने वाली आरती साहा पहली महिला हे वही भारत सरकार की और से वर्ष 1998 में उनके सम्मान में डाक टिकट भी जारी किया गया था । वर्ष 1994 में आरती साहा पीलिया होने की वजह से अस्पताल में भर्ती थी लेकिन वह जीवन की रेस हार गयी थी जिसके बाद पुरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया था । 

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