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जमातियों की रिपोर्ट ही नेगेटिव तो कैसे फेल सकता हे संक्रमण, अन्य आरोपों को भी मुंबई हाई कोर्ट ने नकारा

नवी मुंबई,  देश में लगे लॉक डाउन के समय देश की मिडिया धर्म विशेष की टुकड़ी को जहा आतंकवादी बता रहे थे वही बॉम्बे हाई कोर्ट ने फटकार लगाते हुए म्यांमार जमातियों पर लगे सारे आरोप को बेबुनियाद बताते हुए मामले को ख़ारिज कर दिया हे, इससे पूर्व भी हाई कोर्ट ने जमातियों को "बलि का बकरा" बताया यह व मद्रास हाई कोर्ट ने भी तब्लीगी जमात से जुड़े विदेशी नागरिको के उप्पर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए मामले को ख़ारिज कर दिया था.

म्यांमार के तब्लीगी जमात से जुड़े एक समूह जो की दिल्ली मरकज में रुका था जिस पर पुलिस के द्वारा आईपीसी की कई धाराओं के साथ साथ महामारी रोग अधिनियम, आपदा प्रबंध अधिनियम, विदेशी नागरिक अधिनियम और महाराष्ट्र अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए थे इस पुरे मामले पर जस्टिस वी. एम. देशपांडेय और जस्टिस ए. बी. बोरकर ने फैसला सुनाते हुए कहा की जब जमात से जुड़े म्यांमार के सदस्य कोरोना पॉजिटिव थे ही नहीं तो कोरोना फैलने का सवाल ही नहीं उठता हे.

वही दोनों न्याय मूर्ति ने फैसले में कहा की जमात के लोगो पर जबरन धर्म प्रसार के आरोप भी गलत हे क्यूंकि पुलिस के द्वारा दायर की गयी चार्टशीट में इस मामले से संबंधित कोई भी साक्ष्य नहीं मिले हे. जमात के लोगो पर की गयी कार्यवाही पूरी तरह से असंवैधानिक थी जो की मिडिया के दबाव के कारण की गयी थी.

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