निजी कम्पनीयो का हवाला देने वाले कैसे कर रहे हे जनता को गुमराह
नयी दिल्ली, देश में जब भी पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ते हे तब सरकार की तरफ से एक ही जवाब सुनाई देता हे की पिछली कांग्रेस सरकार ने पेट्रोल व डीजल के दाम घटाने व बढ़ाने की जिम्मेदारी निजी पेट्रोल कम्पनियो को सौंपी हे जिसकी वजह से सरकार इसमें कुछ नहीं कर सकती है परन्तु आपको जान कर हैरानी होगी की जब से भारत में पांच राज्यों के चुनाव घोषित हुए हे तभी से देश में पेट्रोल व डीजल के दामों में इजाफा नहीं हुआ हे ।
आपको बतादे की जून 2017 से पेट्रोल के दाम में रोज़ इजाफा हो रहा था लेकिन चुनाव के चलते पिछले 109 दिनों से पेट्रोल व डीजल के दामों में कोई इजाफा नहीं हुआ हे जिसका साफ़ मतलब हे की पेट्रोल कम्पनी सरकार के दबाव में मूल्य वृद्धि नहीं कर रही हे जबकि इंटरनेशनल मार्किट में पिछले दिनों पेट्रोल व डीजल का मूल्य अभी तक अपने चरम पर था । जब सरकार चुनावी फायदे के लिए मूल्यों पर रोक लगा सकती हे तो क्यों आम आदमी के फायदे के लिए कोई जरुरी कदम नहीं उठाती ।
विशेषज्ञों का कहना हे की चुनाव खत्म होने के बाद पेट्रोल व डीजल के दामों में तेज़ी से इजाफा देखा जाएगा अनुमानित कीमत 120 रूपए प्रति लीटर तक देखि जा सकती हे जिसके लिए आम जनता को तैयार रहना होगा पेट्रोल व डीजल के मूल्य ही किसी भी देश में महंगाई निर्धारित करते हे ऐसे में दूसरी चीजों में भी मूल्य वृद्धि देखि जा सकती हे जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा । पुरे मामले पर आपकी राय आप हमे कमेंट करके बता सकते हे ।
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