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जानिये पहली बार ताजिये कब व किसके द्वारा बनवाए गए थे, भारत से जुड़ा हे मुहर्रम का इतिहास

दिल्ली, देश व दुनिया में २० अगस्त को चाँद दिखाई देने के बाद इस्लामिक कैलेंडर बदल दिया जाएगा जिसकी वजह हे इस्लामिक हिजरी संवत के नए साल की शुरुआत होना, दुनिया भर में इस्लामिक कैलेंडर में मुहहराम नए साल का प्रतीक व पहला महीना जाता हे परन्तु इस महीने  में खुशिया नहीं मनाई जाती हे क्यों की इस्लामिक मान्यताओं के हिसाब से इस्लाम के आखरी पैग़म्बर के नवासे ( नातिन ) हजरत इमाम हसन व इमाम हुसैन को मुहर्रम महीने की दसवीं तारीख को कर्बला ( ईराक का एक शहर ) में शहीद कर दिया गया था जिनकी याद में दुनिया भर के मुसलमान दस दिनों तक क़ुरान पढ़ कर, फातेहा लगा कर व दुसरो की हर संभव मदद करके मनाते हे इनमे सबसे जरुरी माने जाने वाली हे रोज़ा व ताजिया परन्तु बहुत ही कम लोगो को पता हे की ताजिये बनाने का इतिहास भारत से जुड़ा हुआ हे ।


भारत  में ताजिया ( मुहर्रम ) बनाने की शुरुआत सन 1398 के बाद शिया सम्राट तैमूर लंग के सीपा सालार व दरबार में शामिल मौलानाओ के द्वारा की गई थी ।  दरअसल शिया सम्राट  इमाम हुसैन व हसन में बहुत ज्यादा अक़ीदा रखता था जिस कारण वह हर वर्ष मुहर्रम के महीने में कर्बला स्थित दरगाह पर जाया करता था परन्तु एक वर्ष तैमूर लंग की तबियत खराब होने के कारण वह ईराक दौरा करने में सक्षम नहीं था जिस कारण उसके दरबार के मौलाना व सिपासलार ने तैमूर लंग को खुश करने के लिए हूबहू कर्बला में मौजूद दरगाह की प्रतिलिपि बनवाई जिसे दिल्ली शहर में दस दिनों तक के लिए रखा गया जहा सम्राट के अलावा सभी लोग पूजा अर्चना करने के लिए आने लगे इस सब से सम्राट तैमूर लंग बहुत खुश हुआ और इस तरह का आयोजन हर वर्ष करने के आदेश दे दिए व देखते ही देखते यह परम्परा बन गई जो आज तक चली आ रही हे।

कौन था सम्राट तैमूर लंग 

तैमूर लंग का जन्म तुर्की में हुआ था व दुनिया में उन्हें एक महान रणनीतिकार व महान योद्धा के रूप में जाना जाता हे तैमूर लंग ने ही दुनिया में सबसे पहले शतरंज की खोज की थी व अपने विश्व विजेता बनने के सपने के कारण उन्होंने कई साम्राज्य से जंग लड़ी तथा अपनी बहादुरी व कुशल युद्ध निति की वजह से रोम जैसे शक्तिशाली साम्राज्य पर भी अपना कब्ज़ा कर लिया था जिसके बाद उन्होंने यूरोप व एशिया जैसे विशाल महाद्वीप तक अपने साम्राज्य का विस्तार किया था जिसके कारण आज भी कई देशो में उनके नाम के आगे सबसे क्रूर राजा होने का आरोप लगता हे जिसने अपने विश्वविजेता बनने की सनक में कई लोगो को मोत के घाट उतार दिया था।

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